Bhagwat Geeta Shlok In Hindi : 101 गीता ज्ञान जिसे सबको जानना चाहिए, जिसे पता नहीं उसे तो जीवन जीने की कला पता ही नहीं है।

भागवत गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक है, जिसे सबको पढ़ पाना थोड़ा मुश्किल है, इसलिए हम आपके लिए भागवत गीता के 101 विचारों को  सरल भाषा में लिखे है '101 bhagwat geeta shlok in  hindi with meaning' 

कहा जाता है, कि भागवत गीता सिर्फ हिंदुओं के लिए नहीं है, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए है, गीता में मानव जाति से जुड़ी हर प्रश्न का उत्तर है, भागवत गीता' में जीवन से जुड़ी ऐसा कोई भी प्रश्न नहीं है, 

जिसे भगवान श्री कृष्ण जी ने गीता में नहीं दिए, गीता हमें सिखाती है कि किस परिस्थिति में क्या करना चाहिए, चाहे वह अपने ही क्यों ना हो। 

'bhagwat geeta shlok in hindi with meaning' भगवत गीता के 101 विचार। 

भगवत गीता एक किताब नहीं है, बल्कि वह मानव जाति के मन मस्तिष्क में कोई भी शंका हो, कोई भी चिंता हो, किसी भी तरह का आवेश या किसी भी  तरह का दुविधा दुनिया का हर संकट का उत्तर है, गीता में । 

111 bhagwat geeta shlok in  hindi with meaning

1) ना तो यह शरीर तुम्हारा है, और ना ही इसके मालिक हो तुम यह शरीर पांच तत्वों से बना है, आग,  जल, वायु, पृथ्वी, और आकाश एक दिन या पांच तत्वों में मिल जाएंगे तुम्हारा सिर्फ कर्म है इसलिए अच्छे कर्म करने पर ध्यान दो। 

2) जीवन का आनंद ना तो बीते हुए कल में है, और ना ही भविष्य में बल्कि जीवन का आनंद तो आज को जीने में और अभी को जीने में। 

3) अगर कोई इंसान जो चाहता है उसे विश्वास के साथ करता है, तो वह जो चाहे बन सकता है। 

4) सच्चा धर्म यह है, कि जिन बातों को इंसान अपने लिए अच्छा नहीं समझता उन्हें दूसरों के लिए भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

5) कोई भी इंसान अपने विश्वास से बनता है, वह जैसा विश्वास करता है, उसी के अनुसार बन जाता है। 

6) भगवान श्री कृष्ण कहते हैं, मेरे लिए सभी प्राणी एक जैसे है, ना कोई मुझे बहुत ज्यादा पसंद है, और ना कोई काम, जो मेरी भक्ति पूरे मन से करता है, मैं हमेशा जरूरत पड़ने पर उसके काम आता हूं। 

7) जो इंसान फल की इच्छा को त्याग कर सिर्फ कर्म पर ध्यान देते हैं, वह जरूर ही एक दिन जीवन में सफल हो जाते है । 

8) कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि कर्मों से महान बनता है। 

9) अपना,पराया, छोटा, बड़ा, इन सब को भूलकर यह जनों की यहां सब तुम्हारे हैं, और तुम सब के हो, इसलिए सबसे प्यार करो और सब का भला करने की कोशिश करो। 

10) शक करने वाले इंसान के लिए खुशी ना इस दुनिया में है, और ना ही कहीं और इसलिए जो कर रहे हो, उसमें विश्वास करो, या फिर जिसमें विश्वास हे  उसे ही करो। 

11) जो मन को काबू में नहीं करते उनके लिए मन दुश्मन की तरह काम करता है। 

12) अपनी जरूरी कामों को पूरा करो क्योंकि वास्तव में कुछ न करने से बेहतर होता है। 

13) नरक के तीन रास्ते हैं, वासना, गुस्सा, और लालच। 

14) लगातार कोशिश करने से अशांत मन को वश में किया जा सकता है। 

15) बुद्धिमान इंसान को समाज के लिए बिना लालच के काम करना चाहिए। 

16) जब आप अपने काम का आनंद लेने लगे तो समझ लेना अपने पूर्णता प्राप्त कर लिए है । 

17) वह जो सभी इच्छाओं को त्याग देता है, और मैं और मेरा की लालसा और भावनाओं से मुक्त हो जाता है उसे शांति प्राप्त हो जाती है। 

18) बिना फल की इच्छा किए बिना कर्म करना ही सच्चा कर्म है। 

19) जब इंसान की जरूरत बदल जाती है, तब उसके बात करने का तरीका भी बदल जाता है। 

20) चुप रहने से बड़ा कोई जवाब नहीं और माफ कर देने से बड़ा कोई सजा नहीं। 

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21) कोई भी अपने कर्म से भाग नहीं सकता, और उसे उस कर्म का फल भोगना ही पड़ता है, इसलिए अच्छे कर्म करें, ताकि अच्छे फल मिले। 

22) ज्यादा खु:श होने पर और ज्यादा दु:खी होने पर निर्णय नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह दोनों परिस्थितियों आपको सही निर्णय नहीं लेने देगी। 

23) जो होने वाला है वह होकर ही रहेगा और जो नहीं होने वाला है वह कभी नहीं होगा जो ऐसा मानते हैं उन्हें चिंता कभी भी नहीं सताती है। 

24) जिस इंसान के पास सब्र की ताकत है उसके पास कोई भी मुकाबला नहीं कर सकता है। 

25) विश्वास रखें कि तुम्हारे साथ जो हुआ है वह अच्छा हुआ है जो हो रहा है वह भी अच्छा है और जो होगा वह भी अच्छा होगा। 

26) सही कर्म वह नहीं है जिसके परिणाम अच्छे हो, सही कर्म हुआ है इसके उद्देश्य सही हो। 

27) धरती पर जिस तरह मौसम में बदलाव आता है,  इस तरह सुख -दुख में भी बदलाव आते-जाते रहता है। 

28) श्री कृष्ण कहते हैं तुम फल के चिंता मत करो तुम कर्म करो तुम्हारा फल पर कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए तुम कम करो फल हम जरूर देंगे। 

29) जो चीज तुम्हारे दायरे से बाहर हो उसमें समय गवना मूर्खता है। 

30) भगवत गीता का पहला उद्देश्य यह है कि यह जीवन एक युद्ध है और यहां चाहे कोई अपना हो या पराया सभी से सावधान रहना चाहिए, और अगर कोई आपका दुखों का कारण है तो कितना भी खास क्यों ना हो उससे आपको युद्ध करना ही पड़ेगा। 

महाभारत का युद्ध भाइयों का बीच हुआ था, अपनों के बीच की लड़ाई थी, भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को  जो ज्ञान दिए थे, उस उपदेश का सार ही यही था, कि यहां कोई अपना नहीं है, क्योंकि ये आपके मन का अपनापन सिर्फ दुख देगा जीवन में, जहां आप अपनेपन का जल मे फस जाते है, वहां आप भावनाओं से कमजोर पड़ जाते हैं, वहां आपके साथ छल करना बहुत आसान हो जाता है, आपके साथ गलत व्यवहार करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि जो पराया है उसे अपने साथ कभी गलत व्यवहार नहीं करने देंगे, जिसे आप अपना माना ही नहीं वह आपके साथ छल कर ही नहीं सकता, 

तो गीता का पहला उद्देश्य या है कि यह अपनापन का जाल में फंस के भावनाओं को कभी कमजोर मत होने देना। 

'bhagwat geeta shlok with meaning in hindi' 


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31)बुराई बड़ी हो या छोटी हमेशा विनास का कारण बनती है, क्योंकि नाव में छेद छोटा हो या बड़ा नाव को डूबा ही देता है ।  

32) मुश्किल वक्त हमारे लिए आईने की तरह होता है, जो हमारी क्षमताओ का सही आभास हमें करता है । 

33) आप जीवन में  कभी अपना रास्ता नहीं नहीं भकट सकते, यदि आपका नक्शा श्रीमद्भागवत गीता है । 

34) हे अर्जुन क्रोध को जीतने में मोन ही सबसे अधिक सहायता होता है। 

35) समय से पहले और भाग से अधिक किसी को कुछ नहीं मिलता। 

36) जिस प्रकार अगनी  सोना  को परखती  है,  उसी प्रकार संकट वीर पुरुष को।  

37) श्री कृष्ण कहते हैं जब-जब धर्म का हानी होगा और अधर्म का वृद्धि होता  तब तब मैं धर्म के अनुष्ठान के लिए समय ही रचना करता हूं अर्थात अवतार लेता हूं । 

38) श्री कृष्ण कहते हैं कि अगर आपके साथ कोई गलत हो रहा हो  तो आपको आवाज उठाना चाहिए चाहे वह कोई अपना ही क्यों ना हो, यह समझकर आप आवाज नहीं उठाते हैं की छोड़ो वह तो अपना ही है, तो उसका जुल्म और भी आपके ऊपर बढ़ने लगता है, और वह समझता है कि यह तो मेरा अधिकार है, इसलिए बुरा लगने पर तुरंत ही आवाज उठाना चाहिए। 

39) श्री कृष्ण कहते हैं जो इंसान अपना रक्षा खुद नहीं कर सकता या रक्षा करने का प्रयास भी नहीं करता उसकी रक्षा भगवान भी नहीं कर सकते। 

40) जिस प्रकार प्रकाश की ज्योति अंधेरे में चमकता है इस प्रकार ठीक सत्य भी चमकता है इसलिए हमेशा मनुष्य को सत्य के राह पर चलना चाहिए। 

41) जो इंसान समय का कदर नहीं करता समय भी उसे इंसान की कदर कभी नहीं करता है और वैसा इंसान कभी भी जीवन में सुख शांति और समृद्धि और सफलता को प्राप्त नहीं कर पाता है । 

42) सत्य कभी दवा नहीं करता है कि मैं सत्य हूं पर झूठ हमेशा दावा करता है कि मैं सत्यम हूं। 

43) श्री कृष्ण कहते हैं कि तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो तुम क्या लाए थे जो खो दिए तुमने क्या पैदा किया था जो लिया था इसी संसार से लिया था और जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है वह कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन का यही  नियम है, और संसार का भी यही नियम है। 

44) मनुष्य को क्रोध करने से बचना चाहिए क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भ्रम से बुद्धि का नाश होता है और जब बुद्धि का नाश होता है तो व्यक्ति का पतन हो जाता है। 

45) संगति का मनुष्य जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है, अच्छा इंसान अगर बुरे लोगों के संगत में रहे तो वह भी एक दिन बुरा बन जाएगा इसलिए अच्छे लोगों के साथ में रहे। 

46) किसी का अच्छा न कर सको तो बुरा भी मत करना क्योंकि दुनिया कमजोर है दुनिया बनाने वाला कमजोर नहीं है। 

47) जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतने ही निश्चित है जीतने की मृत्यु होने वाले के लिए जन्म लेना इसलिए जिनकी मृत्यु होती है उनके लिए शौक नहीं करना चाहिए। 

48) इंसान हमेशा अपने भाग्य को कोसता  है यह जानते हुए की भाग से ऊंचा उसका कर्म है जो उसके स्वयं के हाथों में है। 

49) इस संपूर्ण संसार में कोई भी व्यक्ति महान जन्म नहीं लेता बल्कि उसके कर्मों से वह महान बनता है। 

50) कोई भी अपने कर्म से भाग नहीं सकता कर्म का फल मनुष्य को भुगतना ही पड़ता है। 

51) सदैव संदेह करने वाले लोगों के लिए खुशी ना इस लोक में  है और ना ही  परलोक में। 

52) किसी भी व्यक्ति को ना तो समय से पहले और ना ही भाग्य  से अधिक कुछ मिलता है लेकिन उसे पाने के लिए सदैव ही प्रयत्नशील रहना चाहिए। 

53) मनुष्य जो अपने हृदय से दान कर सकता है वह अपने हाथों से नहीं कर सकता और जो मोन रहकर जो कुछ कह सकता है, वह शब्द से नहीं कर सकता। 

54) मनुष्य का मन वायु की तरह चंचल होता है यह मन ही है जो मनुष्य को कम वासनाओं की तरफ भटकाता रहता है अगर जीवन को सफल बनाना है तो मन  पर काबू करना बहुत जरूरी है मन  को वश में करने से दिमाग की शक्ति केंद्रित होती है जिससे कार्यों में सफलता मिलती है।

55) भगवद गीता के अनुसार जिस व्यक्ति ने अपने मन पर काबू पा लिया मन में पैदा होने वाली बेकार के चिताओं और और इच्छाओं से भी दूर रहता है साथ ही अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेता है। 

56) जिंदगी में हम कितने सही हैं और कितने गलत यह दो चीज सिर्फ दो ही लोग जानते हैं एक हम और एक परमात्मा। 

57) कभी भी किसी भी चीज की आती नहीं करनी चाहिए कोई भी चीज हद से ज्यादा नहीं करना किसी से प्रेम या नफरत भी हद से ज्यादा नहीं करना क्योंकि किसी भी चीज की आती  आपको ही नुकसान पहुंचाएगा, इसलिए जीवन को संतुलन के साथ जीना चाहिए। 

58) इस दुनिया में हारे हुए इंसान की और तकलीफ में पड़े हुए इंसान की कोई मदद नहीं करता अगर कोई इंसान थोड़ा सा सफल हो जाए तो उससे कोई भी खुश नहीं होता इसलिए अपना दुख किसी को बताओ मत और अपने  खुशी किसी के आगे जताओं मत। 

59) कर्म ही सबसे बड़ा धर्म है भगवान श्री कृष्णा अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं व्यक्ति कर्म करने के लिए ही पैदा हुआ है, और बिना कर्म के कोई रह नहीं सकता, मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। 

60) मनुष्य को हमेशा सात्विक और संतुलित आहार खाना चाहिए जिस इंसान को यह समझ नहीं है कि क्या खाना चाहिए कितना खाना चाहिए कहां खाना चाहिए और कैसे खाना चाहिए वह परमात्मा को कभी नहीं पा सकता। 

'bhagwat geeta shlok in hindi'


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61) सज्जन व्यक्तियों को हमेशा अच्छा व्यवहार करना चाहिए क्योंकि इन्हीं के पथ चिन्हों  पर सामान्य व्यक्ति रास्ते चुनते हैं। 

62) तन की सुंदरता मन को आकर्षित करती है जबकि स्वभाव की सुंदरता हृदय को आकर्षित करती है, इसीलिए मनुष्य को सभा हमेशा निर्मल होना चाहिए। 

63) जिस मनुष्य के अंदर ज्ञान की कमी और ईश्वर में श्रद्धा नहीं होती वह मनुष्य जीवन में कभी भी आनंद और सफलता को प्राप्त नहीं कर पाता है । 

64) मानव कल्याण ही भागवत गीता का प्रथम उद्देश्य है, इसलिए मनुष्यों को कर्म करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए। 

65) हमारी व्यस्त की चिंता और मां के भय एक ऐसा रोग होता है जिससे हमारी आत्मीय शक्ति बिखर जाती है। 
66) मनुष्यों को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए ।

67) अपना काम बनाने के लिए लोग आपके तारीफ करेंगे आपसे रिश्ता बनाने की कोशिश करेंगे लेकिन उनके व्यवहार सच मानकर अगर आप फंस जाएंगे तो आगे चलकर आपको ही नुकसान होगा। 

68) भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि किसी की मीठी शब्दों में मत फसना बल्कि आंखें खोलकर इंसान की परखना सीखना चाहिए, अक्सर आपको चोट वही लोग पहुंचते हैं जो आपके अपने ही होते हैं जो आपके दिल के ज्यादा करीब होते हैं, क्योंकि महाभारत की लड़ाई प्राय लोगों में नहीं हुआ था। 

69) जो बीत गया उसे पर दुख क्यों करना और जो है उसे पर अहंकार क्यों करना और जो आने वाला है उसका मोह क्यों करना। 

70) ईश्वर से किए गए प्रार्थना से इंसान की परीस्थिति या  तकदीर बदले या ना बदले लेकिन इंसान की की चरित्र बदल जाती है। 


Bhagwat Geeta Shlok In Hindi With Meaning


71) कौन क्या कर रहा है कैसे कर रहा है क्यों कर रहा है इन सब से आप जितना ही दूर रहेंगे उतना ही खुश रहेंगे। 

72) पछतावा अतीत नहीं बदल सकता और चिंता भविष्य स्वर नहीं शक्तिता इसलिए वर्तमान का आनंद लेना ही जीवन का सच्चा सुख है । 

73) श्री कृष्ण कहते हैं जो तुम्हारा साथ देता है, तुम उसका साथ दो जो तुम्हें धोखा देता है तुम उसे त्याग दो। 

74) जिस जगह पर आपका साम्मन नहीं हो वहां पर कभी जाना नहीं चाहिए वरना लोग आपको कमजोर और बेवकूफ समझेंगे। 

75) जहां बारिश ना हो वहां फसल खराब हो जाती है, और जहां संस्कार ना हो वहां नस्ल भी खराब हो जाती है।
 
76) जो लोग यह कहते हैं कि मेरे पास वक्त नहीं है असल में उनके खास रिश्तों में आपका नाम ही नहीं है। 

77) बात इतनी मधुर रखो कि एक दिन वापस लेने पड़े तो कड़वी ना लगे। 

78) खुद में थोड़ा स्वाभिमान होना जरूरी है वरना लोग आपको  वहां भी दबाने का कोशिश करेंगे जहां पर आपका अधिकार है। 

79) जब तक तुम अपने आप से नहीं हार जाओ तब तक तुम्हें दुनिया का कोई ताकत हार नहीं सकता। 
80) जीवन में कभी मत वह करो जो लोग करते हैं हमेशा वही करो जो तुम्हारे लिए सही है। 

81) मनुष्य ईश्वर को जिस रूप में याद करता है ईश्वर भी उसे उसी रूप में दर्शन देते हैं। 

82) जो चीज हमारे दायरे से बाहर है उसमें समय गवना मूर्खता ही होगा।

83) इतिहास कहता है कि कल सुख था विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा लेकिन धर्म कहता है अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा । 

84) माफ करना और शांत रहना सीखिए ऐसी ताकत बन जाओ की पहाड़ भी रास्ता देंगे। 

85) ईश्वर ने हमें जो कुछ भी दिए हैं वही हमारे लिए पर्याप्त हैं और यही एक अटल सत्य भी है। 

86)  कमजोर तुम नहीं तुम्हारा वक्त है और वक्त साबका बदलता है तुम बस अपना कर्म करते जाओ। 

87) जिसने कभी संकट नहीं देखा उसे कभी अपने ताकत का एहसास नहीं होगा। 

88) जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं जिनमे  दया है जो दिल से अच्छे हैं उन्हें दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता है । 

89) किसी को कुछ देकर घमंड मत कर क्या पता तू दे रहा है या पिछले जन्म का कर चुका रहा है। 

90) घमंडी मनुष्य का वंश वैभव और प्रतिष्ठा तीन ऑन चले जाते हैं विश्वास ना हो तो रावण कौरव   और कंस को देख लो। 
'bhagwat geeta in hindi pdf'


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91) मित्र गरीब हो या अमीर मायने नहीं रखता वह आपके बुरे समय में  कितना साथ देता है यह मायने  रहता  है। 

92) धर्म चाहे जो भी हो अच्छे इंसान बनो हिसाब कर्मों का होगा धर्म का नहीं। 

93) खुशी के लिए काम करोगे तो खुशी नहीं मिलेगी खुश होकर काम करोगे तो खुशी जरूर मिलेगी। 

94) जब आप दूसरे के लिए अच्छे सोचते हो तो वही अच्छी चीज वापस आती है यही प्राकृतिक का नियम है। 

95) आपका मूल्य इससे तय नहीं होता कि आप क्या है इससे तय होता है कि आप खुद को क्या बनाने का क्षमता रखते हैं। 

96) हंसता हुआ मन और हंसता हुआ चेहरा यही सच्ची संपत्ति है। 

97) जितना इंतजार वो  आपसे करवा रहा है समय आने पर वह इतना देगा की संभाल भी नहीं पाओगे। 

98) कोई आपका साथ ना दे तो निराश मत होना क्योंकि परमात्मा से बड़ा हमसफ़र कोई नहीं होता। 

99) यदि कोई भूल के कारण कल का दिन दुख में बिता तो उसे याद करके आज का दिन खराब मत करना। 

100) जैसे हवा के झोंके नव को भटका देते हैं, वैसे ही मनुष्य की इच्छाएं बुद्धि को भटका देता हैं। 



101 अच्छे जरूर बने लेकिन साबित करने में नहीं, अपना समय ना गवाए  है। 

102) कर्म का गणित बहुत सीधा है कर भला तो हो भला। 

103) आपकी कीमत ना समझने वाले को सिर्फ पछतावा मिलना चाहिए आप नहीं। 

104) जो बुरा हो उसे त्याग दो चाहे वो  विचार हो या कर्म  हो या मनुष्य। 


105) जीवन में एक बात याद रखना बेशक सच बोलकर किसी का दिल तोड़ देना पर झूठ बोलकर किसी का विश्वास मत तोड़ना। 

106) बूँद सा जीवन है, इंसान का लेकिन अहंकार सागर जैसा है।। 

107) प्रेम सदा ही माफी मांगना पसंद करता है और अहंकार सदा ही माफी सुनना पसंद करता है। 

108) बुरे कर्म करके कहां छुपोगे आकाश वायु धरती सब उसी का है। 

109) जिसे पाने के लिए भगवान को भी संघर्ष करना पड़े उसका नाम प्रेम है। 

110) जो भी व्यक्ति किसी और का बुरा सोचते हैं, अंत में उसका भी बुरा हो जाता है। 

111) कर्मों से डरिए ईश्वर से नहीं, ईश्वर माफ कर ही देते हैं, लेकिन कर्म माफ नहीं करेंगे । 


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मैं आज की ब्रेकिंग न्यूज का Founder हूँ। मेरा काम ताजा न्यूज का अपडेट देना है। पिछले 3 सालों से कंटेन्ट लेखन के क्षेत्र में कार्यरत हूँ ,और न्यूज, सरकारी योजना, सरकारी जॉब, भागवत गीता, बॉक्स ऑफिस, अप्कमींग मूवीज और क्रिकेट जैसे विषयों में, मेरा अच्छा समझ है, बल्कि इसे सरल और दिलचस्प तरीके से पेश करने का प्रयास करता हूँ, ताकि पाठकों को पढ़ने मे आनंद आए । मेरे आर्टिकल को पढ़ने के धनवाद ।

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