Moral story Hindi' एक जंगल मे मोती नाम का एक सांड बैल रहता था ओ इतना घमंडी था की वह जंगल का राजा समझने लगा था । और वो रोजना किसी ना किसी जानवर से दोड़ने का प्रतियोगिता रखता और साथ ही ये सरत रखता की हारने वाला जीतने वाले का जीवन भर नॉकर बनना पड़ेगा बैल को नोकर बनाने के लालच मे हर रोज कोई ना कोई जानवर मिल ही जाता था
लेकिन बैल भी अपने शक्ति से रोज जीत ही जाता था और जिसके बाद वो दूसरे जानवरों को अपना नॉकर बना लेता था दिन पर दिन बैल का घमंड बढ़ता ही जा रहा था उसी जंगल मे एक नर हिरण अपने बच्चे के साथ राहत था नर हिरण की पत्नी जन्म देते वक्त ही गुजर गई थी इसी लिए उस छोटे हिरण को नर हिरण ने अकेले ही पाला था एक दिन छोटे हिरण ने पूछा पहले जो खरगोश मित्र साथ खेला करते थे, वो आज कल जंगल में कही नहीं दिखाई पड़ते है उसके पिता ने बोला की बैटा एक घमंडी बैल ने उन लोगों को नॉकर बना लिया है । और वे लोग बैल के बिना मर्जी के वापस नहीं आ सकते है पर पिता जी क्या हम उन लोगों कुछ मदत नहीं कर सकीते है आखिर वे सब मेरे दोस्त है और दोस्तों की मदत करना तो हमारा कर्तव्य है तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो बैटा हमे उनलोग को मदत करनी चाहिए । दूसरे ही दिन उस घमंडी बैल से प्रतियोगिता कारणे पहुच गया ।
और जा के बोल की तुम्हें बहुत घमंड है ना अपने शक्ति का आज में तुम्हें तुमहारी ही सरट मे हरा के दिखूँगा पर उससे पहले तुम्हें ए बात तो याद है न की यदि तुम मुझसे हर गए तो आजीवन मेरे नॉकर बन कर रहना होगा हिरण बोला हाँ हाँ मुझे याद है और अगर मैं जीत गया तो जंगल का सभी जानवर को अपने दस्ता से मुक्त करना होगा बैल बोला मुझे सरत मंजूर है पर पहले तुम सरत जीत तो लो दोनों ने तय किया की उस पर पीपल के पैड के पास जी सबसे पहले पहुंचे गा वो ये सरट जीत जाएगा ।
और दोनों दोड़ के लिए तैयार थे और हाथी ने अपने सुन्ध से आवाज निकाल कर प्रतियोगिता शुरू कर दिया हिरण और बैल दोनों ही पूरी तेजी के साथ दोड़ रहे थे । जंगल के सभी जानवर हिरण की जीतने की प्रथना कर रहे थे तभी हिरण बैल से तेज दोड़ता हुआ आगे निकालने लगा वे देखकर बैल को पता चल गया था की वो अब हिरण को नहीं हरा पाएगा गुसएल बैल ने हिरण पर सिनघो से हिरण पर वार कर दिया और हिरण मार गया ।
जब ये पता चल की अब उसके पिता मार गया तो वो छोटा हिरण रोने लगा और जंगल की सभी जानवरों के आँखों मे आसू या गया और ये पता था की बैल ने हिरण को छल से मारा है । पर बैल का इतना कोफ था की कोई कुछ नहीं बोल प रहा था ।
और एसे की जंगल मे कुछ दिन एकांत फेल गया छोटा हिरण अकेला पड़ गया था वो दिन भर अपने पिता के याद में रोया करता पर अपने आप को ही पिता का गुनेगार मानते हुवे कोशता रहता । एक दिन चीटी रोता देख छोटे हिरण के पास आया और उसे समझने लगा की तुम्हें अपने पिता के जैसा मजबूत रहना होगा । और हिरण की ये हालात देखा कर रहा नहीं गया और चीटी बाल की मै लूँगा बदला ।
और दुसए ही दिन चीटी बदल चला गया । बैल हसने लगा और बोल की हाँ में तैयार हूँ और फिर किया प्रतियोगिया के लिय तैयार हो गया और चीटी ने एक पते पर खड़े हो गया और सभी जानवर बहुत ही आश्चर्य हो गए जैसे ही हाथी ने प्रतियोगिता के लिए जोर से आवाज लगाई वैसे ही पति से उड़ कर आखिरी छोर तक पहुच गई
और बैल को इसका पता भी नहीं चल की चीटी दोड़ जीत चुकी है बैल दोडे जा रहा था जब बैल आखिरी छोर तक पहुँच गया जब चीटी को मरने चला गया और जैसे ही बैल ने चीटी को मरने के लिए पैर उठाया चीटी हवा से उड़ गया और बैल पैड में उसका सिंघ फस गया और सिंघ निकाते निकाते मार गया । इसी के साथ हिरण का बदला हो गया ।
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