'Kriya hindi gramma' क्रिया :- क्रिया का मतलब होता है ( काम करना ) किसी शब्द के द्वारा जब कुछ करने या होने का बोध हो उसे क्रिया कहते है । क्रिया का मूल किया है धातु बिना धातु का कोई क्रिया नहीं होती है :- जैसे पढ़ना, पठ धातु से बन है, जाना गम धातु से बना है, अत : क्रिया के मूल शब्द को धातु कहते है ।
धातु किसे कहते है :- जिस मूल शब्द से क्रिया का निर्माण होता है उसे धातु कहते है , धातु मे ना जोड़कर क्रिया बनाया जाता है ।
जैसे :-( खा + ना = खाना ),(पढ़ +ना = पढ़ना,) (लिख +ना = लिखना,) ( जा+ ना = जाना आदि ।
'kriya ke bhed' क्रिया के प्रकार ?
क्रिया के मुख्य दो प्रकार होते है । और कुछ अन्य भी होते है ।
- अक्रमक क्रिया
- सक्रमक क्रिया
सकर्मक क्रिया (sakarmak kriya ) :- जिस वाक्य मे कर्म होता है तथा काम का प्रभाव कर्ता के अलावा कर्म पर भी पड़ता है जिस क्रिया मे कर्म का प्राभव कर्ता के अलावा कर्म पर भी पड़ता है :- जैसे मोहन आम खा रहा है , मोहन आम खाने का काम कर रहा है ( खाना के काम )
आम भी खतम हो रहा है तो इस इसलिए यह सकर्मक क्रिया है ।
अकर्मक क्रिया सकर्मक क्रिया
- खेलना - खेलाना
- टूटना - तोड़ना
- हसना - हसाना
- बढ़ना - बढ़ाना