Hasdev Ka Jangle: हसदेव का जंगल मे कोयले के लालच मे काटे जा रहे है , पेड़ -पौधे लगभग हसदेव जंगल मे 8 हजार काटे जा चुके है। छतीसगढ़ मे हसदेव का जंगल मे काटे बज रहे है । अंधा धुंध पेड़ जिसे बचाओ के लिए वहा के आदिवासी लोग दिन रात एक करके पहरा दे रहे है ।
हसदेव जंगल को बचाने वहा के लोग उग्र आंदोलन का भी चुनाव कर सकते है ।
छतीसगढ़ मे हसदेव जंगल मे एक ओर पोलिश है तो दूसरी और वहा के लोग जो जंगल बचने का काम कर रही है । पुलिश वाले जंगल वहा के लोगों को जंगल मे जाने नहीं दे रहे हे और दूसरी ओर अंदर ही अंदर पेड़ों को काटे जाने का सनका जताई है ,
वाहा के लोग बोल रहे है , भाजपा सरकार अड़ानि की गुलामी बंद करो ,बंद करो वहा के लोग काफी परेशान है, वहा के लोग जल, जंगल, जमीन, बचाओ को लेकर मोर्चा निकाल कर बिरोध कर रहे है ।
मन जा रहा के वहा हसदेव जंगल को उजडने से वहा के लोगों को काफी क्षति हो रही है , जंगल उजडने से वहा के रहने वाले लोगों के घरों मे हाथियों ने हमला कर रहे है । जंगल उजडने से पर्यावरण भी दूसीत होता है । जड़ी बूटियों की परजाति खतम हो जाती है । मेरा मुझे लगता है जंगल को बचाना चाहिए ।
विडिओ देखे